क्या आपका प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया हैं? या फिर परिवार में कोई दूसरा प्रेगनेंट है। यदि ऐसा है, तो और भी जरूरी हो जाता है जानना कि क्या ऐसी अवस्था में सेक्स करना चाहिए या नहीं। हालांकि, कुछ महिलाओं को भी प्रेगनेंसी में सेक्स करने का मन करता है। यह कोई शर्म की बात नहीं है। मगर वे भी यह सोचकर डरती हैं कि इससे उनके बच्चे को नुकसान होने की संभावना रहेगी। बहरहाल, घर के बड़ों से आप पूछ नहीं सकते। दोस्तों की सुनेंगे तो कन्फ्यूज हो जाएंगे। और, डॉक्टर से पूछते हुए कई बार हिचकिचाहट होती है। आखिर कैसे पता चले कि इस समय सेक्स सुरक्षित है या नहीं।
गर्भावस्था में खानपान और उठने–बैठने का ध्यान जरूर रखें, मगर सेक्स को नजरअंदाज न करें। यह आपके वैवाहिक जीवन का सुखद बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। चलिए समझते हैं कि आखिर क्यों गर्भावस्था में सेक्स करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए।
क्या प्रेगनेंसी में सेक्स करना चाहिए?
क्यों नहीं! डॉक्टर भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। बशर्ते कि दिक्कतें न हों। यह पूरी तरह सुरक्षित है। यदि आपका प्लेसेंटा मजबूत है तो आप सेक्स कर सकते हैं। कई बार ट्विन्स प्रेगनेंसी में डॉक्टर मना करते हैं। यदि दोनों बच्चों का सैक और प्लेसेंटा अलग हो, तब भी आप सेक्स का आनंद उठा सकते हैं। हां, शुरू के तीन महीने थोड़ा सतर्क रहें। सामान्य प्रेगनेंसी में सेक्स के दौरान पड़ने वाले झटकों से मां और बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचता। केवल इतना ध्यान रखें कि आखिर के महीनों में म्यूकस निकलने के बाद आपको सेक्स नहीं करना है। इससे कहीं भी और कभी भी डिलीवरी होने की संभावना बढ़ सकती है।
कब न करें सेक्स
सामान्यतः डॉक्टर गर्भावस्था में सेक्स करने के लिए मना नहीं करते। हालांकि, सावधानी बरतने की आवश्यकता जरूर होती है। यह आपका हक है कि आप इस वक्त सेक्स करना चाहती हैं या नहीं। यदि हां, तो यह जान लीजिए कि विभिन्न अवस्था में सेक्स करने से बचें। ताकि प्रेगनेंसी सुरक्षित रहे और आप एक नये जीवन को जन्म दे सकें–
कुछ लोगों को सेक्स में प्रयोग करने की आदत होती है। उन्हें इसी में मजा आता है। जबकि गर्भावस्था में प्रयोग करना खतरनाक हो सकता है। यदि पार्टनर अपने प्राइवेट पार्ट की साफ–सफाई न रखे तो नेचुरल और ओरल दोनों ही तरह के सेक्स में गर्भवती महिला को इन्फेक्शन होने का डर बना रहता है।
गर्भ धारण करते समय कई महिलाओं को स्पॉटिंग होती है। कई मामलों में यह बाद में ही दिखाई देती है। ऐसे में जबकि महिला को स्पॉटिंग हुई हो सेक्स करने से मिसकैरेज की संभावनाएं बनी रहती हैं।
एक बार मिसकैरेज हो चुका हो या टेस्ट ट्यूब बेबी हो तो सेक्स करने से बचें। डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। कई बार आईवीएफ में बेड रेस्ट कहा जाता है। ऐसे में सेक्स के दौरान होने वाले झटके आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गर्भावस्था में मिशनरी पोज़ीशन से बचें। देखा जाए तो यह संभव भी नहीं है। इससे आपके पेट पर दबाव पड़ सकता है। ऐसे में वुमन ऑन टॉप सबसे सेफ है।
यदि आपकी पहली प्रेगनेंसी प्रीमेच्योर थी, तो सेक्स न करें। कई बार सेक्स करने से डिलीवरी जल्दी होने का डर बना रहता है। खासकर कि आखिर के दिनों में।
यदि आपको व्हाइट डिस्चार्ज होता है तो भी एकदूसरे से दूर रहें।
प्लेसेंटा नीचे होने पर भी सेक्स करने से मना करते हैं डॉक्टर।
यह सारी हिदायतें आपकी सुरक्षा के लिए हैं। जरूरी नहीं कि सेक्स करने से आपकी प्रेगनेंसी में कोई परेशानी आए। बस आप एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह कर लें।
क्या ऐसे में सेक्स करने से मिसकैरेज का डर रहता है?
ऐसा नहीं है। आपके अल्ट्रासाउंड और यूरीन रिपोर्ट पर निर्भर करता है। यदि डॉक्टर कहते हैं कि आप सेक्स कर सकते हैं तो जरूर कीजिए। वे कभी आपको गलत सलाह नहीं देंगे। यदि आपका प्लेसेंटा मजबूत है और सही जगह पर हो तो घबराने की जरूरत नहीं है। थोड़ा–बहुत डिस्चार्ज होता है। कई बार प्लेसेंटा मजबूत करने वाली दवाइयों से भी व्हाइट डिस्चार्ज होता है। दरअसल सेक्स के दौरान थकान हो जाती है, जिससे आपका रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। ऐसे में बीपी बढ़ने की संभावना रहती है। यदि प्लेसेंटा मजबूत नहीं है, तो कभी भी सेक्स करने का रिस्क न उठाएं। इससे मिसकैरेज होने का डर रहेगा। खासतौर तब जबकि आपकी स्पॉटिंग हो रही हो। कई बार बुंब लाइन पतली होती है, जिसकी वजह से भी यह स्पॉटिंग होती है। सैक और प्लेसेंटा आपके बच्चे को सुरक्षित रखता है।
क्या वाकई प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करने से प्रीमेच्योर डिलीवरी होने का डर रहता है?
कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि लगातार सेक्स करने से प्रीमेच्योर डिलीवरी हो जाती है। बुर्जग भी ऐसा मानते हैं कि आखिरी दिनों में सेक्स नहीं करना चाहिए। बच्चे के सिर पर चोट लग सकती है। उसका मस्तिष्क कमजोर हो सकता है। यह केवल एक मिथ है। इस पर ज्यादा ध्यान न दें। समझने वाली बात जो है वो यही है कि यदि म्यूकस निकलने लगा है तो यह अलार्म है कि अब डिलीवरी कभी भी हो सकती है। उस वक्त आपको सेक्स करने से बचना है। अत्यधिक दबाव और झटकों से बच्चा नीचे खिसक सकता है।
क्या ऐसे ओरल सेक्स नहीं करना चाहिए?
ओरल सेक्स में कोई बुराई नहीं है। यह पूरी तरह सेफ है। बस ध्यान रहे कि आपका पार्टनर अपने प्राइवेट पार्ट को साफ रखता हो। दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात कि ओरल सेक्स के समय आपका पार्टनर वजाइना में एयर पास न करें। यह आपकी रक्त धमनियों को ब्लॉक कर सकता है। और, यह स्थिति आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। जोश से बचें। लिक किया जा सकता है, लेकिन बाइट करने से बचें।
क्या एनल सेक्स किया जा सकता है?
नार्मल प्रेगनेंसी में यह प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन बहुत कम लोग हैं जिन्हें एनल सेक्स पसंद आता है। यदि आपके पार्टनर की ओर से यह फरमाइश आती है तो ध्यान रखें कि आपको पाइल्स की दिक्कत न हो। यदि पाइल्स का प्रॉब्लम है तो इसे करने से बचें। इससे आपको इन्फेक्शन हो सकता है।
गर्भावस्था में सेक्स करने का सबसे सुरक्षित समय क्या है?
पहले–दूसरे महीनें में जी मचलाना और उल्टी होने की वजह से गर्भवती महिला का मन नहीं करता है। तीसरे से लेकर पांचवा महीना सुरक्षित है सेक्स करने के लिए। छठे महीने से थोड़ा रिस्क बढ़ने लगता है, इसलिए इस समय सेक्स करने से बचें।
इस समय सबसे सुरक्षित पोजीशन क्या हो सकते हैं?
वुमन ऑन टॉप और डॉगी पोजीशन सबसे सेफ हैं। तीसरे महीने में आप मिशनरी भी कर सकते हैं। साइड–बाय–साइड भी किया जा सकता है। तकिया रखकर भी सेक्स किया जा सकता है।
आखरी श्ब्द:
बेबीगोगो में हम आपको एक ऐसा मंच देने की कोशिश करते हैं जहां आप खुलकर बात कर सकते हैं, संवेदनशील मामलों पर विचार साझा कर सकते हैं और विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। अपनी प्रेगनेंसी में सेक्स आपका अनुभव कैसा रहा हमसे सांझा जरूर करें। कमेंट सेक्शन में अपना फीडबैक देना ना भूले।
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