जब नयी दिल्ली में रहने वाली आरती शर्मा ने पिछले साल जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया, उन्हें पता था की अगले 6 महीने आसान नहीं होने वाले हैं | डायपर चेंज करने से लेकर दूध पिलाने तक 28 साल की माँ के लिए हर काम दोगुना हो गया | लेकिन उनके लिए सबसे मुश्किल काम दोनों बच्चियों को एक साथ रोते समय चुप कराना था |
जब बच्चे रोते हैं तो हर माँ परेशान हो जाती हैं, जैसे की आरती हो जाती थीं | एक अभिभावक होकर आप चिंतित हो जाते हैं, की आपके बच्चे के साथ कहीं कुछ गलत तो नहीं है, जिसके कारण आप उसे चुप नहीं करा पा रही हैं? या क्या आप उसका पालन-पोषण ढंग से नहीं कर पा रही है ?
लेकिन असलियत में ऐसी कोई बात नहीं है :
सच यह है की ऐसा हर नए माता पिता के साथ होता है | अगर आपने बच्चों से जुडी सारी किताबें पढ़ी हैं! सभी बड़ों से सलाह ली है! या बेबी क्लासेज में गए हैं! फिर भी यह मुमकिन है, की आप अपने बच्चे को तुरंत चुप ना करा पाएं |
बच्चे को रोता हुआ देखना कष्टदायक है, खासकर अगर वह काफी समय से रो रहा है | जहां तनाव में आना, निराश या परेशान होना आसान है वहीं बच्चे को चुप करवाना भी आसान है |
ये वीडियो देखे और जानिये कुछ अद्भुत तरीके जिनसे आप अपने रोते हुए शिशु को शाँत करा सकती हैं-
इससे पहले की आप बच्चे को चुप कराने के बारे में जाने, आइये जानते हैं की बच्चे रोते क्यों हैं :
1) जरुरत से ज्यादा गतिविधियां :
अगर जरुरत से ज्यादा लोग आस पास हो या बहुत ज्यादा आवाज़ हो तो बच्चे परेशान हो जाते हैं | कभी-कभी ऐसे वातावरण के कारण बच्चे जरुरत से ज्यादा व्याकुल हो जाते हैं और रोने लगते हैं |
2) डायपर बदलना :
बच्चे के रोने का मतलब है की उसके डायपर बदलने का समय है, क्योंकि गीले डायपर के कारण उसे परेशानी होती है |
3) थकान :
बच्चे को हर दिन 12-14 घंटे की नींद लेना जरुरी है, अगर ऐसा नहीं होता तो बच्चा जरुरत से ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाता है और रोता है |
4) कोलिक :
आंतों में हवा या रुकावट के कारण पेट में जो गंभीर दर्द होता है उसे हम कोलिक कहते हैं | ये ज्यादातर 2 हफ्ते से 4 महीने के बीच के बच्चों में होता है | ऐसे बच्चे दिन भर में 3 घंटे से ज्यादा रोते है | इसके कारण आपको बच्चे को चुप कराना नामुमकिन सा लग सकता है |
5) एलर्जी :
बच्चे किसी ख़ास चीज़ से एलर्जिक हो सकते हैं | चाहे कोई भी उम्र हो उन्हें एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है और इसके कारण वह असहज और चिड़चिड़ा महसूस कर सकते है |
6) गैस :
बच्चों को प्राकृतिक तौर पर गैस होती रहती है | गैस के कारण वे असहज महसूस कर सकते हैं और लंबे समय तक चिड़चिड़े हो सकते हैं |
जब आपका बच्चा रोता है तब उसे मदद की जरुरत होती है | शांत रहें और अपने गुस्से पर काबू रखें |
यहां बच्चों को चुप कराने के कुछ आजमाए हुए तरीके बताये गए हैं –
1) शांत माहौल रखें :
शोर वाले माहौल में बच्चे घंटों तक रो सकते हैं | बच्चे को घर के शांत कोने में ले जाएँ और उसकी छाती पर हाथ रख कर उसे शांत करें |
2) बच्चे के साथ “पीक-आ-बू” खेलें :
रोने के कारण से बच्चे का ध्यान हटाने के लिए उसके साथ खेल खेलें | अपनी आँखों पर बच्चे का हाथ रखें फिर हाथ को हटा कर कहें “पीक-आ-बू” | आपका बच्चा निश्चित रूप से हंसने लगेगा |
3) बच्चे के लिए गाना गायें :
कभी कभी बच्चे अपने माता पिता का ध्यान अपनी ओर करना चाहते हैं | बच्चे को गाना गाकर सुनाएँ या उसके सामने गुनगुनाएं | बच्चा गाने को ध्यान से सुनेगा और आपके चेहरे को ध्यान से देखेगा और शांत हो जाएगा |
4) बच्चे को हवा में उठायें :
बच्चे को कंधे के निचे से पकड़ें और धीरे धीरे ऊपर उठायें | उसे धीरे धीरे ऊपर उठायें और निचे लायें | इससे बच्चे को गुदगुदी होगी और वो हंसेगा |
5) खुली हवा में ले जाएँ :
बच्चे को थोड़े समय के लिए घर के बाहर ले जाएँ | उसका ध्यान बोलती हुई चिड़ियाँ, कार या ऊँची इमारतों की तरफ आकर्षित करें, बच्चा अपने आप चुप हो जायेगा |
कुछ और टिप्स :
- आप बेबी बर्रिटो भी बना सकते हैं | बच्चे को सूती कपड़े से लपेट दें | इससे उसे माँ के गर्भ में होने का अहसास होता है |
- झूला झुलाने से भी बच्चे शांत हो जाते हैं |
एक बात का ध्यान रखें, हर बच्चे पर – हर चीज़ – हर समय काम नहीं करती | इस सोच को दिमाग में रखते हुए एक चीज़ है जो आपको कभी नहीं करनी चाहिए, बच्चे को ज़ोर से ना हिलाए |
“शेकेन बेबी सिंड्रोम” से बचाव करें : ऐसा तब होता है जब बच्चे को ज़ोर से हिलाया जाता है | अचानक हिलाने से बच्चे के सर की नसे फट सकती हैं | अन्य समस्याएँ जैसे अंधापन, दिमागी बिमारी भी हो सकती है |
“सभी बच्चे ख़ास होते हैं और सभी बच्चे एक जैसे होते हैं” :
रोना एक प्राकृतिक प्रकिया है और लगभग सभी बच्चे काफी रोते हैं | सभी माता पिता अपने आप को एक समय पर असहाय पाते हैं | बच्चे को शांत करने का एक तरीका यह है की उसके साथ सब्र से पेश आएं |
लेकिन इनमें से सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की आप अपने बच्चे के साथ समय बिताना ना भूलें | यह मुश्किल समय बाद में आपके लिए एक खूबसूरत याद बन जायेगी | बच्चे के साथ समय बिताने से आप अपने भीतर ख़ुशी व संतुष्टि महसूस करेंगे |
Umm
Hello 1.10 month Ka mera beta hai khanshi hai 20 din se kitne Dr. Ko dikhaya Koi aram Nai hai itni jyada khanshi hai ki bachche chehara Kala hojate hai cuff jyada hogya hai. Koi upay hai Jo jald thik ho Jay please
Bhai daily sadqa Karen…