एक माँ बनना इस दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है, ऐसा माना जाता है। यही वजह है कि जब एक महिला गर्भ धारण करती है तो उसके मन में यह इच्छा लगातार बनी रहती है कि वह अपने बच्चे का विकास गर्भ में होते हुए भी जाने।
इस दौरान उसके शरीर में भी आमूलचूल परिवर्तन आ रहे होते हैं और वह इन बदलावों को लेकर भी थोड़ी सशंकित रहती है। इस समय उसके शरीर में हो रहे बदलावों की वजह से वह कई तरह की बीमारियों से भी उलझ रही होती है लेकिन अपने बच्चे के आने की खबर इस सब पर इतनी भारी रहती है कि वह अपने बच्चे के विकास का पूरा आनंद लेना चाहती है। वह जानना चाहती है कि उसका शिशु गर्भ में कितना बड़ा हुआ है, उसके सारे अंग ठीक से काम कर रहे हैं, उसका शिशु हर महीने क्या- क्या महसूस कर रहा है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को भ्रूण कहा जाता है, जिसकी हर महीने के विकास को जानना और समझना एक तरह से जरूरी भी है।
कैसे पहचानें कि आप गर्भवती हैं? (गर्भावस्था के 12 लक्षण)
पहला महीना (इस दौरान अम्निओटिक सैक बनता है)
गर्भावस्था के पहले महीने एक महिला को पता ही नहीं होता कि वह प्रेग्नेंट है। इस दौरान अम्निओटिक सैक बनता है जो एम्ब्रयो के विकास में मदद करता है। इस समय प्लेसेंटा भी विकसित हो जाता है।
प्लेसेंटा से ही बच्चे को मां के जरिये पोषण मिलता है। इस समय आपका बच्चा सेल्स के दो लेयर से बना होता है, इसके बाद ही उसके सरे अंग और शरीर के हिस्सों का विकास होता है। बच्चे का मुंह, नीचे का जबड़ा और गले का विकास होने लगता है। ब्लड सेल्स भी आकार लेने लगते है।
दूसरा महीना (बच्चे के फेशिअल फीचर्स विकसित होने लगते हैं)
दूसरे महीने में आपके बच्चे के फेशिअल फीचर्स विकसित होने लगते हैं। सिर के किनारे त्वचा के मुड़ाव से कान बनने लगते हैं। बाजू और पैर बनने लगते हैं।मस्तिष्क, स्पाइनल कॉर्ड और एनी न्यूट्रल टिशू भी अच्छी तरह से बन जाते हैं। इस समय शरीर कि तुलना में सिर बड़ा रहता है। इस समय आपका बच्चा राजमा के दाने के साइज का हो चुका होता है। वह बराबर घूमता रहता है। उसकी उंगलियां आपस में बंधी होती हैं।
तीसरा महीना (शरीर के बाकी अंग बन जाते हैं)
इस समय तक आपके बच्चे के हाथ, उंगलियां, पैर और पैर की उंगलियां पूरी तरह से बन चुकी होती हैं। आपका बेबी अपनी मुट्ठी और मुंह को खोल सकता है। हाथ और पैर की उंगलियों के नाख़ून भी विकसित होने लगते हैं और कान भी बन जाते हैं। दांत का निर्माण भी शुरू हो जाता है। आपके बच्चे के एनी अंग भी बनने लगते हैं। लेकिन अभी तक बच्चे का लिंग अल्ट्रा साउंड से नहीं जाना जा सकता है। इस समय तक आपका बच्चा सात- आठ सेन्टीमीटर तक लंबा हो जाता है और इस समय इसका वजन उतना ही होता है जितना आधे केला का। उसकी छोटी उंगलियों की छाप अब जगह पर होती हैं।
चौथा महीना (बच्चे के दिल की धडकन को डॉपलर मशीन के जरिये सुना जा सकता है)
अब आपके बच्चे के दिल की धडकन को डॉपलर मशीन के जरिये सुना जा सकता है। अदांत और हड्डियां मजबूत हो जाती हैं। अब आपका बच्चा अपने अंगूठे को चूस सकता है, जम्हाई ले सकता है, खुद को खिंच सकता है और मुंह बना सकता है। नर्वस सिस्टम भी काम करने लगता है। रिप्रोडक्टिव अंग और निजी अंग भी पूरी तरह से विकसित हो चुके होते हैं। अब आपका डॉक्टर बता सकता है कि आपके गर्भ में लड़का है या लड़की। इस समय तक आपका बच्चा आपके गर्भ में लगभग तेरह सेन्टीमीटर लंबा होता है और उसका वजन करीब १४० ग्राम होता है।
पांचवां महीना (बच्चा असल में बड़ा होना शुरू कर देता है)
यही वह समय है जब आपका बच्चा असल में बड़ा होना शुरू कर देता है। वह घूमने लगता है क्यूंकि उसकी मांसपेशियां विकसित हो चुकी होती हैं और वह व्यायाम भी करने लगता है। उसके सिर पर बाल आने शुरू हो जाते हैं। कंधे, पीठ और और माथे पर मुलायम बाल भी आने लगते हैं। ये बाल आपके बच्चे की सुरक्षा करते हैं। इस समय उसके पैर खींचने पर उसकी लम्बाई करीब साढ़े दस इंच लंबी हो जाती है।
छठा महीना (शिशु के शरीर पर फैट जमा होने लगता है)
आपके बच्चे की त्वचा लाल रंग की होती है, झुर्रियों में लिपटी हुई बच्चे के हाथ और पैर के प्रिंट दिखते हैं। जब बेबी हिचकियाँ लेता है तो आपको झटका महसूस हो सकता है। आपके बेबी का वजन साढ़े छह सौ ग्राम से अधिक हो जाता है। और उसकी लम्बाई बारह इंच के करीब। अब तक उसकी झुर्रियों वाली त्वचा मुलायम होने लगती है क्यूंकि आपके शिशु के शरीर पर फैट जमा होने लगता है।
सातवां महीना (वह अपनी आँखें खोल और बंद कर सकता है)
आपका बच्चा मच्योर हो गया है और उसके सुनने की क्षमता पूरी तरह से विकसित हो चुकी होती है। वह अपनी पोजीशन भी बदल सकता है। उसे आवाज सुनाई देने लगती है, दर्द महसूस होने लगता है और रोशनी भी दिखाई देने लगती है। अब तक आपके शिशु की लम्बाई पन्द्रह इंच हो जाती है। वह अपनी आँखें खोल और बंद कर सकता है।
आठवां महीना (बच्चे का मस्तिष्क तेजी से विकसित होने लगता है)
इस समय बच्चे का मस्तिष्क तेजी से विकसित होने लगता है और इस समय तक वह स्पष्ट तौर पर सब कुछ देख और महसूस सकता है। आपके बच्चे की लम्बाई करीब अठारह इंच हो जाती है। अब आपके शिशु का वजन करीब सवा दो किलो ग्राम हो जाता है। उसके फैट का लेयर उसे भरने लगता है और उसके शरीर कि गोलाई दिखने लगती है। उसके फेफड़े भी विकसित हो जाते हैं।
नौवां महीना (बच्चा आपके गर्भ से बाहर आने के लिए तैयार हो जाता है)
आपका बच्चा बढ़ रहा होता है और उसके फेफड़े पूरी तरह से विकसित हो चुके होते हैं। वह अपना सिर मोड़ सकता है और स्पर्श पर प्रतिक्रिया दे सकता है। अब तक आपका बच्चा आपके गर्भ से बाहर आने के लिए तैयार हो जाता है। आप महसूस करेंगी की कम जगह मिलने की वजह से वह कम मूव कर रहा है। वह आपके पेल्विस में आ जाता है। अमूमन जन्म के कैनाल में उसका सिर नीचे की और होता है। जन्म के समय उसकी लम्बाई लगभग आठ से बीस इंच के बीच होती है और उसका वजन करीब तीन किलो ग्राम।
कुछ अंतिम शब्द:
मुझे यकीन है कि अब आपको पता चल गया होगा की हर महीने आपके गर्भ में पल रहा शिशु कैसे विकसित होता जाता है और आपके करीब आता जाता है। आपको यह लेख कैसा लगा, शीरोज कम्युनिटी में जरूर बताएं और कमेन्ट सेक्शन में अपने विचार व्यक्त करें।
Leave a Reply