गर्भावस्था महिलाओं के लिए उत्साह के साथ-साथ परेशानी का समय भी होता है।क्योंकि इस दौरान यह निर्धारित करना बहुत मुश्किल हो जाता है कि उनके शरीर में आ रहे कौन से बदलाव चिंता का विषय हैं और कौन से नहीं। यही नहीं, खाने से लेकर सोने या चलने-फिरने तक में उन्हें अपने और अपने शिशु के स्वास्थ्य की चिंता रहती है।
गर्भावस्था के समय में एक और परेशानी का विषय है और वो है इस दौरान योनि से होने वाला सफेद स्त्राव। जिसे ल्यूकोरिया भी कहा जाता है। वैसे तो सफेद पानी आने की समस्या गर्भावस्था से पहले या बाद में भी देखी जा सकती है लेकिन गर्भावस्था के दौरान होने वाले लगातार हार्मोन्स बदलावों की वजह से यह समस्या बढ़ जाती है।
इसलिए हर स्त्री को फिर चाहे वो गर्भवती हो या माँ बनने की सोच रही हों, इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। आज हम इस विषय से जुड़े हर सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। पाइये गर्भावस्था में सफेद पानी आने के ऊपर संपूर्ण जानकारी।
गर्भावस्था में सफेद पानी आना क्या है (pregnancy me safed pani aana kya hai)
गर्भावस्था के समय निकलने वाले सफेद पानी की समस्या महिला को पहले महीने से लेकर अंत तक रहती है। इस समय इस परेशानी को बहुत सामान्य माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सफेद पानी का निकलना शिशु और माँ दोनों के स्वस्थ होने का एक संकेत है।
यह भी माना जाता है कि यह सफेद पानी महिला के गर्भाशय और योनि में बनता है और शरीर में मौजूद डेड सेल्स और हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए गर्भवती स्त्री को अगर सफेद डिस्चार्ज होता है तो उसे बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है। यह डिस्चार्ज गर्भवस्था में होने वाले योनि के संक्रमण से भी बचाता है।
गर्भावस्था में वाइट डिस्चार्ज कब होता है (pregnancy me white discharge kab hota hai)
प्रेगनेंसी से सफेद पानी की समस्या पूरे नौ महीने रहती है। हालाँकि, हर सप्ताह या महीने के गुजरने के साथ आपको इसमें भी बदलाव देखने को मिल सकता है। इन बदलावों पर आपको ध्यान देना चाहिए। जानिए, हर तिमाही के दौरान इसमें कैसे बदलाव आते हैं।
पहले तीन महीने
गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में योनि से निकलने वाला सफेद पानी सफेद रंग का, हल्का, पतला और बिना किसी गंध के होता है। यदि यह स्त्राव गाढ़ा या गंध युक्त हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए क्योंकि यह संक्रमण का लक्षण हो सकते हैं।
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तीसरे से छठा महीना
कुछ महिलाओं को दूसरी तिमाही यानी गर्भावस्था के तीसरे से लेकर छठे महीने तक सफेद पानी की समस्या नहीं होती हैं। परन्तु जो महिलाएं इस समस्या से गुजरती हैं उन्हें इस दौरान बिल्कुल सफेद रंग का डिस्चार्ज होता है।अगर यह डिस्चार्ज लाल, गुलाबी, हरे, भूरे या पीले रंग का न हो तब यह पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि इनमे से किसी रंग का होना परेशानी का विषय हो सकता है।
अंतिम के तीन महीने
अधिकतर महिलाएं अंतिम के तीन महीनों में योनि से बहुत अधिक मात्रा में सफेद पानी निकलने की समस्या से गुजरती हैं। इस समय शिशु पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है। जिस कारण शिशु के वजन से गर्भाशय पर दबाव पड़ता है और सफेद पानी की समस्या बढ़ जाती है। इस दौरान भी अगर आपको सफेद पानी की जगह स्पॉटिंग हो या गंध युक्त स्त्राव हो तो डॉक्टर को अवश्य बताएं।
प्रेगनेंसी में सफेद पानी आने के कारण (pregnancy mein safed paani aane ke karan)
हार्मोनल बदलाव
गर्भावस्था के दौरान स्त्री का शरीर हार्मोनल बदलाव का सामना करता है। शरीर में रक्त प्रवाह एस्ट्रोजन के कारण होता है और गर्भावस्था में एस्ट्रोजन हार्मोन्स बढ़ जाते हैं। इसके कारण शरीर में योनि से रंगहीन और गंधहीन पानी का स्त्राव होता है।
संक्रमण
यीस्ट इन्फेक्शन भी गर्भावस्था में योनि से निकलने वाले सफेद पानी का एक कारण है। योनि में यीस्ट सेल के बढ़ जाने से pH संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण यह समस्या होती है।
एलर्जी
किन्हीं चीज़ों की एलर्जी के कारण भी ऐसा हो सकता है जैसे साबुन या अन्य सौंदर्य प्रसाधनों के कारण। इस स्थिति में जल्दी इलाज करवाना चाहिए।
यौन संचारित रोग
कई यौन संचारित रोग भी सफेद पानी निकलने का कारण हो सकते हैं। अगर ऐसा है तो इसके लक्षण सामान्य सफेद पानी के निकलने से अलग होंगे जैसे योनि में खारिश, फोड़े या रैशेष होना आदि।
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सर्विक्स में परिवर्तन के कारण
गर्भावस्था के अंतिम चरण में गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स में कई बदलाव आते हैं जिनके कारण यह चौड़ी हो जाती है और फैल जाती है। यह भी सफेद डिस्चार्ज का एक कारण है।
गर्भावस्था में आने वाले सफेद पानी का क्या इलाज है (pregnancy mein aane wale safed paani ka kya ilaj hai)
आमतौर पर सामान्य रूप से सफेद पानी आना चिंता की बात नहीं है। इसके इलाज की भी आवश्यकता नहीं पड़ती हैं। इसके लिए बस आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। साथ ही आपको ध्यान देना होगा कि योनि से निकलने वाला सफेद पानी कैसा है। कई मामलों में यह संक्रमण की निशानी हो सकता है।
अगर यह डिस्चार्ज असामान्य है तो जल्द से जल्द इसका इलाज कराना चाहिए क्योंकि कुछ संक्रमण गर्भपात या समय से पहले प्रसव का कारण भी बन सकते हैं।
- अगर आप यीस्ट संक्रमण का शिकार हैं तो आपको एंटीफंगल क्रीम दी जाती है ताकि आप इसे प्रभावित स्थान पर लगा सके। इसके साथ ही एंटीबायोटिक दवाईयां भी दी जाती हैं।
- बैक्टीरियल संक्रमण होने पर भी एंटीबायोटिक दवाईयां और क्रीम दी जाती है।
- अधिक समस्या होने पर आपके टेस्ट कराए जाएंगे और उसी के अनुसार डॉक्टर आगे का इलाज करेंगे।
गर्भावस्था के दौरान असामान्य सफेद पानी के लक्षण (Garbhawstha ke doran asamany safed paani ke lakshan)
गर्भावस्था के दौरान आपको योनि से निकलने वाले सफेद पानी पर खास ध्यान दें और अगर आपको यह लक्षण दिखाई दें तो तुरंत इलाज शुरू करवाएं, जैसे कि:
- अगर इस सफेद पानी में से तेज़ दुर्गंध आएं।
- डिस्चार्ज पीले, हल्के लाल, भूरे, हरे आदि रंग का हो।
- आपको खारिश हो और योनि पर रैशेष या फोड़े निकल आएं।
- योनि में बहुत जलन हो।
- योनि से अधिक पानी का निकलना।
सफेद पानी आने पर बरते कुछ सावधानियां (Safed paani aane par brte kuch saavdhaniyan)
साफ-सफाई
गर्भावस्था में सफेद पानी आने पर और संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। अपने गुप्तांगो को साफ रखें, इसके साथ ही किसी भी रसायन युक्त पदार्थ को योनि या आसपास के एरिया में प्रयोग न करें। अपने इस स्थान को सूखा रखें।
कपड़े
कॉटन के अंडरगारमेंट्स का प्रयोग करें और ऐसे कपड़े पहने जो ज्यादा तंग न हों।
कंडोम का प्रयोग
शारीरिक संबंध बनाते हुए कंडोम का हमेशा प्रयोग करें।
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पौष्टिक आहार का सेवन
अपने आहार में पौष्टिक चीज़ों को शामिल करें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार आप योगा और व्यायाम भी कर सकती हैं।
घरेलू उपचार (Gharelu Upchar)
कुछ घरेलू उपचारों से भी आपको असामान्य सफेद पानी की समस्या से राहत मिल सकती है लेकिन इनका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें।
सेब का सिरका
सेब के सिरके के प्रयोग से शरीर का pH संतुलन बना सकता है। इसके साथ ही इसकी एंटीसेप्टिक गुण भी सफेद पानी के डिस्चार्ज और गंध को नियंत्रित करते हैं।
मेथी
मेथी से एस्ट्रोजन हार्मोन और pH लेवल संतुलित रहता है जिससे ल्यूकोरिया की समस्या से भी राहत मिलती है।
आंवला
आंवला में विटामिन सी भरपूर होता है जिससे यह परेशानी कम हो सकती है। इसके साथ ही केला भी इस समस्या को दूर करने में असरदार है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि गर्भावस्था में सफेद पानी का आना सामान्य और सुरक्षित है लेकिन अगर आपको यह सामान्य न लगे तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से सलाह लें। अपनी मर्जी या किसी अन्य व्यक्ति के कहे अनुसार न तो खुद से इसका उपचार करें न ही कोई दवाई लें। ऐसा करना आपके और आपके बच्चे के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है।
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