मां बनने का सपना हर स्त्री संजोती है और समय आने पर मां बनना भी चाहती है। मां बनने की इस कोशिश में वह हर माह कोशिश करती है और अपनी कोशिश को फलीभूत होता देखने के लिए वह हर माह गर्भवती होने के लिए टेस्ट भी करती है। कई बार एक स्त्री तुरंत प्रेगनेंट हो जाती है तो कभी- कभार उसके गर्भवती होने में समय लगता है।
प्रेगनेंट होने का लक्षण हर महिला में अलग- अलग भी होता है। संभव है कि एक गर्भवती को जो लक्षण महूसस हो रहा हो, वह दूसरी को न हो रहा हो।
जैसे, जरूरी नहीं है कि यदि किसी एक को रोटी की महक अच्छी न लग रही हो तो दूसरी को भी अच्छी न लग रही हो। हो सकता है उसके नितंबों में दर्द हो रहा हो और उसे समझ न आ रहा हो कि वह गर्भवती है। सच तो यह भी है कि गर्भावस्था के कुछ लक्षण माहवारी के लक्षणों से मेल खाते हैं, इसलिए भी यह जरूरी है कि गर्भावस्था के लक्षणों की जांच करते हुए आप सावधानी बरतें।
#1. माहवारी में देरी या माहवारी का न आना (Delayed Periods)
माहवारी का न आना प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक है। आप पीरियड्स का इंतजार कर रही हैं और पीरियड्स नहीं आ रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आप गर्भवती हैं। लेकिन माहवारी न आने से यह पुख्ता नहीं हो जाता कि आप प्रेगनेंट हैं। कई महिलाओं के लिए अनियमित और देरी से पीरियड आना स्वाभाविक है।
कई बार तो जिन महिलाओं की माहवारी नियमित है, उनका मासिक धर्म भी कभी- कभार देरी से आ जाता है। इसलिए प्रेगनेंट की कोशिश में लगी महिलाओं को सिर्फ देरी से माहवारी आने का मतलब यह नहीं सोच लेना चाहिए कि वे गर्भवती हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट किट से गर्भवती होना कंफर्म किया जा सकता है।
#2. ब्रेस्ट में दर्द (Breast Pain)
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में स्तन में दर्द भी होता है। साथ ही सूजन भी आ जाती है और कड़ापन या भारी सा महसूस होता है। यह लक्षण गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों के अलावा, बाद के चौथे- छठे हफ्ते में भी बना रहता है। इसके पीछे का कारण प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव आना है। इस समय आप चाहें तो घर में ब्रा उतार कर अपने ब्रोस्ट को राहत महसूस करा सकती हैं।
#3. हर समय थकान (Feeling Tired)
आप भले ही पूरे दिन काम में लगी रहती हों, खूब एक्टिव हों और आपको दिन में सोने की आवश्यकता न महसूस होती हो लेकिन प्रेगनेंसी में यह सब आम हो जाता है। एक गर्भवती महिला को जल्दी थकान हो जाती है, वह पहले जितनी एक्टिव नहीं रहती और साथ ही दिन में कई बार नींद भी आती है। पूरे दिन उसे ऐसा महसूस होता रहता है कि उसने बहुत काम कर लिया है और उसे आराम की जरूरत है। शुरुआत के तीन महीने तो खासकर ऐसा ही महसूस होता है।
दरअसल प्रेगनेंसी में अतिरिक्त प्रोजेस्टेरोन की वजह से आपको जल्दी थकान हो जाती है। हां, कई महिलाएं दूसरी तिमाही में सामान्य महसूस करनेलगती हैं तो उस समय चिंता करने की जरूरत नहीं रह जाती है। थकान दूर करने के लिए अच्छा तो यह है कि आप जल्दी बिस्तर पर सोने जाएं और अपनी जरूरत के मुताबिक नींद पूरी करें।
#4. बीमार महसूस करना (Feeling ill)
प्रेगनेंसी के एक अहम लक्षणों में से है कमजोरी महसूस करना। 80 फीसद से अधिकतर औरतें अपनी गर्भावस्था के दौरान ऐसा महसूस करती हैं, खासकर शुरुआती तिमाही में। आपको कमजोर महसूस होता है, ऐसा लगता है मानो शरीर में जान न बची हो। हाथ, पैर और पूरे शरीर में दर्द रहता है।इसलिए अपने दर्द को समझने की कोशिश करना बेकार है, यह गर्भावस्था को कंफर्म करने वाला दर्द नहीं है।
#5. पेट में दर्द (Stomach Ache)
पीरियड वाले दर्द की बजाय कुछ महिलाओं को पेट में दर्द होता है। उन्हें लगता है कि कुछ उल्टा खाने की वजह से ऐसा हो रहा है, जबकि यह सच नहीं है। प्रेगनेंसी के दौरान भी कई बार पेट में दर्द होता है, क्योंकि आपके गर्भाशय का आकार बदलने लगता है और लिगामेंट्स में खिंचाव आने लगता है। पेट में दर्द गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
#6. भोजन की महक (Smell Of Food)
कुछ महिलाओं कुछ को तो जबरदस्त उल्टियां भी होती हैं। प्रेगनेंसी के शुरुआती दो हफ्तों में तो नॉजिया भी होता है, क्योंकि उस समय आपके शरीर में हार्मोन्स बदलाव महसूस कर रहे होते हैं। यह कमजोरी और बीमार सा महसूस करना पूरे दिन बना रहता है लेकिन सुबह- सुबह हालत ज्यादा खराब रहती है। हां, यह जरूर है कि कुछ गर्भवती महिलाओं को नॉजिया और कमजोरी महसूसना दूसरी तिमाही में खत्म हो जाता है।
#7. मासिक धर्म का दर्द (Period Pain)
मासिक धर्म का दर्द अमूमन मासिक धर्म के दौरान ही होता है लेकिन कई दफा गर्भावस्था के शुरुआती समय में भी आपको इस तरह का दर्द हो सकता है। यह दर्द आपको काफी कंफ्यूज भी कर सकता है, आपको समझ ही नहीं आएगा कि आप गर्भवती हैं या नहीं! यदि आपकी योजना में प्रेगनेंट होना शामिल है तो संभव है कि यह मासिक धर्म वाला दर्द न होकर गर्भावस्था वाला दर्द है। को चाय की महक अच्छी नहीं लगती है तो कुछ को रोटी की।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों से एक यही है, कुछ खास खाने- पीने की चीजों की महक बर्दाश्त नहीं होती है। कई बार तो जो खुशबू पहले बहुत अच्छी लगती थी, वह बाद में खराब लगने लगती है। कई दफा तो अलमारी से चूहे के मरने की बदबू तक आने लगती है। यदि आप कुछ चीजें नहीं खा पा रही हैं तो इसका यह मलतब बिल्कुल नहीं है कि आपके पेट में बेबी को पौष्टिक खाना नहीं मिल रहा है। आपका बेबी इस दौरान भी अपनी जरूरत का पोषण मां से ले ही लेता है। सिर्फ मां को परेशानी होती है, भ्रूण को नहीं।
#8. खास खाने की इच्छा (Urge To Eat Something Good)
गर्भावस्था के दौरान ही नहीं, गर्भावस्था के शुरुआत से ही एक प्रेगनेंट की इच्छा कुछ खास चीजों को खाने की होने लगती है। कुछ को इमली, कच्चा आम, अचार जैसी खट्टी चीजें खाने का मन करने लगता है तो कुछ को मिठाई, केक, चॉकलेट जैसी मीठी चीजें अच्छी लगने लगती हैं। सीमा से अधिक कोई भी चीज खाना अच्छा नहीं है, जैसे, कोई दिन भर इमली चाटती रह जाए तो इससे भ्रूण पर अच्छा असर नहीं पड़ता।
#9. खून का आना (Getting Blood In Urine)
कई बार शुरुआत में एक प्रेगनेंट महिला को पता ही नहीं चलता कि वह गर्भवती है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि उन्हें हल्का खून आने लगता है। ऐसे में एक महिला को यह लगता है कि उन्हें पीरियड्स आ गया है, जबकि वह प्रेगनेंट होती हैं।
करीब 20- 25 फीसद गर्भावस्था के मामलों में ऐसा होता है। साथ में पेट में होता हल्का दर्द उन्हें कहता है कि वे गर्भवती नहीं हैं, बल्कि उन्हें मासिक धर्म शुरू हो गया है। ऐसा तब होता है, जब आपका फर्टिलाइज अंडा आपके गर्भ की लाइनिंग को छूता है। आपके पीरियड के आस- पास ही होने की वजह से प्रेगनेंट को पीरियड्स आने का भ्रम हो जाता है। कई बार तो छठे या सातवें हफ्ते में भी ब्लीडिंग होती है। इस समय अपने डॉक्टर की सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराना बेहतर रहता है।
#10. सिर भारी या चक्कर महसूस होना (Having Headache or Feeling Dizzy)
कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में सिर भारी सा महसूस होता है या चक्कर आता रहता है। कुछ तो बेहोश तक हो जाती हैं। ऐसा हार्मोन्स में आ रहे बदलावों की वजह से होता है। या फिर कम ब्लड प्रेशर की वजह से। ऐसे में आपको डॉक्टर से जांच कराना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि क्या दिक्कत है।
यदि आपका ब्लडशुगर कम है तो पूरे दिन कम अंतराल में खाना खाते रहना जरूरी है। कुछ को पहली तिमाही में ऐसा महसूस होता है तो कुछ को पूरे नौ महीने भी इन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
#11. मूड स्विंग (Mood Swings)
गर्भावस्था की वजह से एक गर्भवती के शरीर में हार्मोन्स में बदलाव होते हैं। ये बदलते हार्मोन्स आपकी शुरुआती प्रेगनेंसी में आपके मूड स्विंग का कारण बनते हैं। संभव है कि आप कुछ देर पहले खुश हों और फिर अचानक दुखी हो जाएं। किसी मामूली बात पर भी आपको गुस्सा हो जाए और बिना बात के झगड़ा भी कर बैठें।
हो सकता है कि आपने प्रेगनेंट होने की योजना न बनाई हो और अपनी गर्भावस्था का पता चलते ही आप तनाव में आ जाएं। यदि आपकी प्रेगनेंसी पहले से प्लान की हुई है तो भी आपको डर लग सकता है। बढ़ा हुआ प्रोजेस्टेरोन स्तर इस मूड स्विंग के पीछे का कारण है। थकान और भूख स्थिति को और खराब कर सकती है। इसलिए रिलैक्स करने के तरीके ढूंढिए और पूरे दिन कम अंतराल पर कुछ न कुछ खाती रहें।
#12. कब्ज (Constipation)
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में कब्ज होना आम बात है। यह गर्भावस्था का एक अन्य लक्षण है। यह भी बढ़े हुए प्रोजेस्टेरोन की वजह से होता है, जो सीधे आपकी आंतों पर असर करता है। अपनी प्रेगनेंसी के दौरान आपका हेल्दी और पौष्टिक भोजन करना जरूरी है। आपको खूब सारा तरल पदाथॅ भी पीना चाहिए और अपने भोजन में फाइबर वाली चीजें शामिल करें। हो सकता है कि पहले की अपेक्षा आपको जल्दी- जल्दी शूशू भी आ रही हो। ऐसा इसलिए क्योंकि बीटा- एचसीजी हार्मोन आपकी किडनियों को अधिक पेशाब बनाने के लिए दबाव डालता है।
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आपको पता चल गया होगा कि गर्भावस्था के क्या लक्षण हैं और किस तरह से आप अपनी प्रेगनेंसी का पता कर सकती हैं। कमेन्ट सेक्शन में जरूर बताएं कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा।
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