हमारे देश में शिशु को मालिश करने की परंपरा एक बहुत पुरानी परंपरा मानी जाती है। यह परंपरा शिशु और मां दोनों के लिए बहुत लाभदायक होती है। यदि आप अपने शिशु की प्रतिदिन मसाज करेंगी तो आपका शिशु बहुत ही फुर्तीला और स्वस्थ होगा।
शिशु की मालिश के मुख्य लाभ
इससे शिशु को बहुत आराम मिलता है और उसे नींद भी बहुत अच्छी आती है। मसाज करने से शिशु की त्वचा कोमल और मुलायम तो होती ही है साथ में उनके शरीर से रूखापन भी चला जाता है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। इसके अलावा शिशुओं में आमतौर पर होने वाली समस्या जैसे गैस और पेट से संबंधित में भी आराम मिलता है। मालिश करने से उनकी हड्डियां और मांसपेशियां भी मजबूत होती है।
शिशु को मालिश करने के बहुत सारे लाभ होते हैं परंतु इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे मां और बच्चे में स्किन टू स्किन टच (त्वचा से त्वचा का स्पर्श) को बढ़ावा मिलता है जिससे मां और बच्चे के शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन बनता हैं। इन हार्मोन के कारण मां और बच्चे के बीच में एक बहुत प्यारा और भावना से भरा रिश्ता बनता है।
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मालिश करना मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है परंतु मालिश को सही तरीके से और सही समय पर करना चाहिए तभी इसके पूरी तरह से लाभ मिलते हैं। तो आइए जानते हैं शिशु की मालिश के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।
शिशु की मालिश कब और कितनी बार करनी चाहिए?
#1. वैसे तो शिशु की मालिश शिशु पर निर्भर करती है। यदि आपका शिशु का जन्म समय से पूर्व हुआ हो या फिर शिशु का वजन कम हो तो आपकों कुछ दिन और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। यदि आपका बच्चा सामान्य है और उसे कोई समस्या नहीं है तो आप उसके जन्म से 10 या 12 दिन का होने के बाद उसकी मसाज शुरू कर सकते हैं अन्यथा 20 दिन के बाद।
#2. शिशु को आप दिन में 6 से 7 बार मसाज कर सकती है। आप उसकी सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले अवश्य मालिश करें। बाकी मालिश करने का समय आप अपने समय के अनुसार और कितनी बार करनी है, इसके अनुसार तय करे।
#3. छोटे बच्चों की मालिश हमेशा नहलाने से पहले करनी चाहिए ताकि उनके शरीर पर लगाया हुआ तेल उनके शरीर में अच्छे से रम जाए और शिशु आराम भी महसूस कर सके।
#4. उनकी मालिश आपको कम से कम 15 से 20 मिनट अवश्य करनी चाहिए ताकि उनके शरीर की अच्छे से मालिश हो सके।
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#5. यदि आपका शिशु मालिश करवाते समय रो रहा है तो आप उनके साथ जबरदस्ती करने की बजाये, एक बार के लिए रुक जाए और उनका ध्यान कहीं और लगाने की कोशिश करें। आप उन्हें दूध पिलाए या फिर उनके साथ खेलें परंतु एक बात का ध्यान रखें कि मालिश करते समय आपके शिशु का पेट ज्यादा भरा हुआ ना हो क्योंकि ज्यादा पेट भरा होने से वे उल्टी भी कर सकते है।
शिशु की मालिश कैसे करनी चाहिए?
छोटे बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। इसलिए हमें उनकी मालिश बहुत ही हल्के हाथों से करनी चाहिए क्योंकि मालिश करने से शिशु के शरीर को सही आकार मिलता है और मालिश उनके शरीर पर काफी प्रभाव डालती है। इसलिए आप कोई लापरवाही ना बरतते हुए मालिश तो बहुत ध्यानपूर्वक से करें अन्यथा उनके शरीर को नुकसान भी हो सकता है। इसलिए आप जब भी अपने शिशु की मालिश करें तब या तो आप अपने बड़ों से मालिश करना सीख ले या फिर नीचे बताए हुए तरीकों को अपनाकर अपने शिशु की मालिश करें।
शिशु की मालिश करने के तरीके
- आप अपने शिशु की मालिश के लिए जिस तेल का इस्तेमाल करने वाली हैं उसे आप अपने शिशु की त्वचा के अनुकूल ही ले। आप यह भी ध्यान रखें कि आप अपने शिशु के लिए जो तेल ले रही है वह रसायन और डाई मुक्त होना चाहिए। आजकल बाजार में ऐसे बहुत से तेल है जो पूरी तरह से प्राकृतिक पदार्थों से बने हुए हैं।
- मालिश शुरू करने से पहले तेल की कुछ बूंदें अपनी हथेली पर लेकर उसे रगड़े। इससे आपके हाथ गरम और नरम हो जाएंगे और शिशु को नरम हाथों से मसाज पसंद आती है।
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- जब भी आप शिशु की मालिश करें तो ज्यादा जोर न लगाएं बल्कि मालिश को हल्के हाथों से ही करें क्योंकि वे बहुत नाजुक होते हैं जिससे वे ज्यादा ताकत बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए इस बात का ख्याल रखे कि आप उनकी मालिश हमेशा हल्के हाथ से ही करें।
मालिश कैसे करें?
#1. सबसे पहले आप शिशु के पैरों में नीचे से ऊपर जाते हुए मालिश करें और फिर जांघो पर भी मालिश करें और धीरे-धीरे तब नीचे की ओर आए।
#2. फिर शिशु की पैरों की उंगली पर भी मालिश करें। सभी उंगलियों में एक-एक करके आराम से मालिश करें परंतु उंगलियों को चटकाएं नहीं। इससे शिशु को दर्द भी हो सकता है।
#3. पैरों की मालिश हो जाने के बाद उसी तरह शिशु के हाथ और बाजू की भी मालिश करे। कंधों से मालिश करते हुए हाथों को नीचे लाते हुए फिर उंगलियों की मालिश करे।
#4. अब आप शिशु के पेट और छाती पर गोलाकार बनाते हुए मालिश करें। आप उसके पेट पर हल्के हाथ से दबाते हुए मालिश करें ताकि उसकी पाचन क्रिया सही बनी रहे।
#5. पेट की मालिश होने के बाद आप उनके पैरों को घुटनों से मोड़कर पेट पर हल्का सा दबाएं ताकि उनके पेट से गैस निकल जाए। इससे उनको आराम भी मिलेगा और उन्हें मजा भी आएगा।
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#6. अब बारी आती है पीठ की। शिशु की पीठ की मालिश करने के लिए शिशु को पेट के बल सुलाएं। पीठ से पैरों तक अपने हथेलियां से हल्की-हल्की मसाज करें परंतु मालिश करते समय इस बात का ध्यान रखें कि शिशु की रीड की हड्डी पर ज्यादा दबाव ना पड़े।
#7. शिशु के सिर की मसाज करते हुए आपको खास ध्यान रखना होगा क्योंकि नवजात शिशु का सिर बहुत मुलायम व कमजोर होता है। उनके सिर पर दो जगह बहुत मुलायम जगह होती है। इसलिए सिर की मालिश बहुत ही हल्के हाथों से करनी चाहिए। आप अपने हाथों में तेल ले और फिर हल्के हाथों से उसके सिर पर तेल टपटपाए और धीरे-धीरे मालिश करें। सिर पर जहां बच्चे का तलवा होता है वहां जोर न लगाएं और जहाँ उसका वह भाग कठोर हो जाए तब आप अच्छे से मालिश कर सकती है।
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