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बच्चों में दस्त के इलाज के लिए 11 टिप्स और घरेलू नुस्खे

August 9, 2019 by Kanika Gautam Leave a Comment

डायरिया यां दस्त आमतौर पर इसलिए होता है ताकि हमारे शरीर के पाचन तंत्र में से सभी विषाणु (वायरस), जीवाणु (बैक्टीरिया) और टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें।

आमतौर पर शरीर स्वयं ही बिना डॉक्टर यां दवाई की मदद के एक या दो दिनों के भीतर इसका इलाज कर लेता है।

ऐसे कुछ दिनों तक रहने वाले दस्त को तीव्र दस्त यां फिर एक्यूट डायरिया भी कहा जाता है। लेकिन यदि दस्त चार दिन से ज़्यादा समय तक चले तो ये तीव्र नही जीर्ण दस्त यानी क्रोनिक डायरिया है।

loose motions in babies in hindi

यदि आपके शिशु को भी यही समस्या है तो दस्त शुरू होने के 36-48 घण्टो के बीचो बीच ही अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।

डायरिया से आपके शिशु में पानी की कमी यानी कि डिहाइड्रेशन हो सकती है। छोटे बच्चों को वार्षिक तोर पर 7-15 बार लूज़ मोशन्स हो सकते हैं।

जिनका सबसे मुख्य कारण विषाणु, एंटीबायोटिकस, दवाइयां, जीवाणु, परजीवी यां डाइट से संबंधित बदलाव हो सकते है। बच्चों में दांत निकलना भी दस्त का एक कारण हो सकता है। इस बीमारी का एक कारण रोटावायरस भी पाया गया है।

रोटावायरस

रोटावायरस से आपके शिशु की आंतो में तकलीफ के कारण पोषक तत्वों का पाचन सही से नही हो पाता जिससे फिर लूज़ मोशन हो सकते हैं।

शिशु में लूज़ मोशन के इलाज के घरेलु नुस्खे:

1. साफ सफाई का ध्यान:

सफाई एक स्वस्थ वातावरण के लिए महतवपूण है। बच्चों के हाथ यां जुबान किस जगह पड़ते हैं इसी पर निर्भर करता है उनका स्वास्थ्य। इसीलिये इनके इस्तेमाल के सभी खिलौने या वस्तुओं को हमेशा अच्छे से साफ कर के ही रखा जाना चाहिए।

2. पानी की कमी न हो इसके लिए कांजी का प्रयोग:

आप घर बैठ के स्वयं ही लूज़ मोशन से जूझने की दवा बना सकते हैं। चावल की कांजी बच्चों में दस्त का एक रामबाण इलाज है। आधा कप चावल के पाउडर को पर्याप्त पानी के साथ दस मिनट तक पकाएं। इसे 1 लीटर तक बनाने के लिए एक चम्मच नमक और कुछ और पानी मिलाएं। अपने बच्चे को इस घोल में से कुछ चम्मच दें, यह उन लवणों या तरल पदार्थों की भरपाई करेगा जो लूज़ मोशन के कारण उसके शरीर से खो गए थे।

3. ओरल रिहाइड्रेशन सल्यूशन (घरेलू या बाहर का बना हुआ):

आप एक लीटर उबले और ठंडे पानी में आधा चम्मच नमक और छह चम्मच चीनी डालकर भी घोल बना सकते हैं। यह वह विधि है जिसका उपयोग युगों से होता आ रहा है और लूज मोशन के इलाज में यह बहुत सहायक है। यह (ओआरएस) डायरिया की सबसे अच्छी दवा है और और इसकी मान्यता को विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्वीकार करता है।  इस मिश्रण से आपके बच्चे में हुई साल्ट्स या पानी की कमी घरेलू उपाय से पूरी की जा सकती है। इससे दस्त एक दम खत्म हो जाते है। बीमार शिशु की हालत में सुधार आता है। यदि आप घर पर बनाने में सक्षम नहीं हैं, तो आप एक वाणिज्यिक ओआरएस का उपयोग भी कर सकते हैं। बाजार में जाएं और विभिन्न समाधानों की तलाश करें। संकोच न करें और वह करें जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है।

4. अधिक तरल पदार्थ:

दस्त से पीड़ित बच्चे को ठोस पदार्थों की तुलना में अधिक तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है, लेकिन इसका अर्थ ये भी नही की उन्हें जबरन पानी पिलाया जाए और वो उल्टियां भी शुरू कर दे। । इसलिए, अपने बच्चे को उसकी इच्छा के अनुसार खाने की अनुमति दें। याद रखें कि आपके बच्चे को धीरे-धीरे खाना या पीना शुरू करना होगा। एक डायरिया से पीड़ित बच्चे को जल्दबाजी में खाना नहीं खिलाना चाहिए।

5. स्वस्थ भोजन:

स्वस्थजीवन का मूल रूप से एक ही कारण है और वो है स्वस्थ भोजन, बच्चो की सेहत वह क्या खाते है इसपर निर्भर करती है। इसलिए उनके भोजन में पौष्टिक तत्वों का होना जरूरी है । आजकल तोह डॉक्टर भी स्टार्च से भरपूर खाना जैसे ओटमील, होल-वीट ब्रेड, क्रॅकर्स और अन्य इस तरह की फाइबर व सोडियम में भरपूर खाने के सलाह दे रहे हैं। माना जाता है कि लूज़ मोशन के दौरान बच्चो को केले का सेवन करवाना चाहिए इनमे पोटासियम होता है जिससे लूज़ मोशन के दौरान हुए नुकसानों से जूझने की ताकत मिलती है।

6. माँ का दूध:

नवजात शिशुओं में माँ के दूध की अहमियत बेहद खास है, इस बात में कोई शंका नही है। स्तनपान करने वाले शिशुओं को स्तन का दूध ही दिया जाना चाहिए क्योंकि इसमें एंटी-इन्फेक्टिव कारक और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो आपके बच्चे को बैक्टीरिया या वायरल दस्त से लड़ने में मदद करेंगे। और, ब्रेस्टमिल्क लूज़ मोशन के लक्षणों को कम करने में भी मदद करेगा। अपने नवजात शिशु के लिए या यदि आपका शिशु 6 महीने से कम उम्र का है (अपने डॉक्टर से सलाह किए बिना) कोई अन्य उपचार न करें।

7. दही जैसा भोजन:

दही या फिर योगर्ट में अच्छे जिवाणु मौजूद होते है जिन्हें प्रोबियोटिक्स कहते है इनके सेवन से शरीर मे भी अच्छे जिवाणु यानी गुड बैक्टीरिया दुबारा से आ जाते हैं। दूध, दही, लस्सी और मखन इत्यादि जैसी चीज़ों में भी प्रोबियोटिक्स होते है।

8. एंटीबायोटिक्स से परहेज़:

छोटे बच्चो को किसी भी तरह की दवाई खिलाना उनके स्वास्थ्य के लिए सही नही है। लूज़ मोशन बच्चो में कभी-कभी वायरल के कारण होता है ऐसे मौके पर एंटीबायोटिक देना इलाज की जगह बुरा असर कर सकता है। एंटीबायोटिक बच्चों को केवल तभी ही देनी चाहिए जब ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि उन्हे बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण लूज़ मोशन या दस्त हुए है। यदि आपका डॉक्टर कोई भी दवाई देता है तो उसके साइड इफ़ेक्ट्स का पता ज़रूर लगवा ले। और यदि आपके शिशु को कोई उल्टी रोकने वाली दवाई दी जाती है तो ध्यान रखे कि दवाई खिलाते ही उसे खाना खिलाना न शुरू कर दे, बीच मे थोड़ा सा समय लेकर ही बच्चे को भोजन करवाना सही रहेगा।

9. लाइट फ़ूड और सेमि सॉलिड:

हमेशा ही बच्चों को लाइट फ़ूड खिलाने चाहिए लेकिन लूज़ मोशन्स के दौरान ये और भी एहम हो जाता है कि बच्चे कुछ ऐसा खाएं जिसे पचाना आसान हो और जिसके सब न्यूट्रिएंट्स उनके शरीर मे आराम से पहुँच जाएं। बीमारी के वक़्त ज़रूरी नही की खान पान बिल्कुल ही बदल दिया जाए, थोड़े बहुत बदलाव जैसे खिचड़ी वगेरा खिलाना ही काफी असरदार साबित हो सकता है।

10. डॉक्टर को कब दिखाए:

यदी काफी समय बीत जाने के बाद भी बच्चे की तबियत में कोई खास सुधार नही आ रहा है और आपने हर एक घरेलू नुस्खा आज़मा के देख लिया है तो बिना एक भी मिनट गवाए जल्द से जल्द ही अपने शिशु को डॉक्टर के पास ले जाएं। ऐसे मौकों पर आपको ज़रा भी देरी नही करनी चाहिए क्योंकी बच्चे फूलों समान कोमल होते हैं। इनके देखरेख भी फूलों की तरह ही करनी चाहिए।

11. आराम सबसे अहम:

शिघ्र ठीक होने का रामबाण इलाज कहे या कुछ और, आराम करना शिशु के स्वस्थ रहने के लिए बिल्कुल अनिवार्य है। डायरिया से शरीर कमजोरी आ जाती है और इसको दुरुस्त करना केवल दवाइयों से मुमकिंन नही इसीलए बेहद जरूरी है कि आप अपने शिशु को अच्छे से आराम करने दे। आराम के दौरान अगर वो रोज़ मरह से ज़्यादा घण्टो की नींद ले तो इसे भी लाज़मी माना जाना चाहिए।

लूज़ मोशन्स बच्चे के शरीर को काफी कमजोर कर देते हैं। वैसे तो इनका होना आम है लेकिन अगर ये एक सुविचारित समय सीमा से ज़्यादा चले तो काफी तकलीफ दे सकते है। इस स्थिति में शिशु का अच्छे ध्यान रखना चाहिए और शीघ्र अति शीघ्र डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

हमें यह जानकर अच्छा लगेगा कि लूज़ मोशन्स के दौरान आपके शिशु के लिए कौन सी तरकीब काम करती है। साथ ही, हमारे विशेषज्ञों द्वारा उत्तर देने के लिए अपने प्रश्नों को टिप्पणी अनुभाग में साझा करें।

हैप्पी पेरेंटिंग!

Categories: स्वास्थ्य Tagged With: loose motion infants hindi

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