हमारे भारत देश में कई तरह के मौसम है जो आते जाते रहते हैं परंतु जैसे ही ठंड का मौसम आता है बच्चे कब और कैसे बीमार पड़ जाते हैं पता ही नहीं चलता। माता-पिता होने के नाते आपको अपने बच्चों की चिंता सताने लगती है। वैसे सर्दी के मौसम में तो चारों तरफ से खांसी की आवाज आने लगती है चाहे बड़े हो या बुजुर्ग परंतु इस मौसम की चपेट में सबसे ज्यादा नवजात शिशु और छोटे बच्चे आते हैं क्योंकि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है।
जब छोटे बच्चों में सर्दी खांसी हो जाती है तो वे अपनी माँ का दूध पीने में भी तकलीफ महसूस करते हैं और उन्हें दूध पीते समय बार-बार मुंह से सांस लेना पड़ता है परंतु सर्दी जुकाम के लिए माता-पिता को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक आम समस्या है।
पुराने जमाने में तो औरतें इन सब छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज अपनी रसोई में ही ढूंढ लेती थी। दादी नानी के नुस्खों में भी बच्चों की खांसी और जुकाम को दूर करने के उपाय बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
बच्चों को खांसी होने के लक्षण
- तेज बुखार आना
- गले में खराश होना
- आंखे लाल होना
- नाक का बंद होना या फिर नाक का बहना
- चिड़चिड़ापन होना या बेचैनी का होना
- हल्की व लगातार खांसी का होना
- गर्दन में सूजन का होना
- नींद का पूरा ना होना
बच्चों की खांसी दूर करने के घरेलू उपाय
छोटे बच्चों को खांसी बहुत जल्दी हो जाती है और हर माँ चाहती है कि उसका बच्चा हर समस्या से दूर रहे परंतु फिर भी कई बार वे इसकी चपेट में आ जाते हैं परंतु आप कुछ सावधानियां बरतकर और कुछ घरेलू उपाय अपनाकर अपने बच्चों को इस समस्या से राहत दे सकती है।
#1. स्तनपान
माँ का दूध शिशु के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और खासदार उस समय के लिए जब वे बीमार होते हैं क्योंकि माँ के दूध में ऐसे एंटीबॉडीज होते हैं जो वायरस, रोगाणु और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है। इससे उनको खांसी की वजह से गले में होने वाली खराश से भी आराम मिलता है।
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#2. भाप देना
जब बच्चों में खांसी हो जाती है तो भाप देना एक बहुत ही आरामदायक और सरल उपाय हैं। छोटे बच्चो को बड़ों की तरह तो भाप नहीं दे सकते, इसके लिए आप उन्हें भाप का स्नान दे। इसे करने के लिए आप बाथरूम में गर्म पानी का नल खोल दें और जब वहां भाप भर जाए तो नल बंद कर दे। आप बाथरूम को बंद करके बच्चे को गोद में लेकर वहां बैठ जाए।
बाथरूम में इकट्ठी हुई भाप अपने आप ही बच्चे के शरीर में पहुंचकर उसे आराम देती है। परंतु ध्यान रखें कि बच्चा गर्म पानी में हाथ पैर ना मार दे। इससे उसके जलने का खतरा रहता है।
आप बच्चों के नाक में डालने के लिए लवण युक्त पानी भी तैयार कर सकती हैं। इसे आप अपने घर पर ही बना सकती हैं। इसके लिए आप पानी को अच्छे से उबाल लें और फिर उस पानी को ठंडा करके उसमें चुटकी भर नमक मिला दें। इस पानी को नाक में डालने से बच्चे को आराम मिलता है और उसकी नाक खाली हो जाती है।
#3. शहद दे
प्राचीन काल से ही शहद को खांसी के घरेलू उपचार के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके लिए आप शहद में उसकी बराबर मात्रा में दालचीनी पावडर मिलाकर बच्चे को दें। इससे आपके बच्चे को तुरंत आराम मिलेगा। 1 वर्ष से ऊपर वाले बच्चों को आधा चम्मच शहद दूध में मिलाकर दिन में दो बार दिया जा सकता है। आप शहद में नींबू का रस मिलाकर भी अपने बच्चे को दे सकती है।
#4. हल्दी
हल्दी को कई गुणों से भरपूर रसोई का मसाला माना जाता है क्योंकि यह खाने में स्वाद और रंग देने के साथ-साथ शरीर को रोगों से लड़ने के लिए भी तैयार करती है। प्राचीन काल से ही खांसी के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके लिए आप हल्दी को पानी में मिलाकर इसका पेस्ट तैयार कर लें और फिर इसको हल्का गर्म कर ले। हल्का गर्म होने पर इसे बच्चे की छाती, पैरों और माथे पर लगाएं। इसके साथ ही उसे हल्दी वाला दूध भी पीने को दे। इससे उसका सूखा गला थोड़ा सही होगा और उसे आराम मिलेगा परंतु हल्दी वाला दूध आप 1 साल से छोटे बच्चो को ना दे।
#5. बच्चे का सिरहाना टेढ़ा रखें
जब आपके बच्चे को खांसी होती हैं तो उनके गले में बलगम भी होने लगता है। इससे उनको सोने में बहुत दिक्कत आती है और उनके शरीर में बेचैनी हो जाती है। इसलिए जब आपका बच्चा सोने लगे तो उनका सिरहाना थोड़ा सा टेढ़ा कर दे। टेढ़े सिरहाने पर अपने बच्चे को सुला दे ताकि आपके बच्चे की नाक से बलगम नीचे आ जाये और वह चैन की नींद सो सके।
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#6. सरसों का तेल, अजवाइन और लहसुन
एक कप सरसों के तेल में अजवाइन और लहसुन की 10 कलियां लेकर उसे पकाएं। फिर उस गुनगुने तेल से बच्चे की मालिश करें। सरसों के तेल, अजवाइन और लहसुन में कीटाणु रोधक और विषाणु रोधक गुण होते हैं। इससे आपके बच्चे को काफी आराम मिलेगा।
#7. नारियल का तेल व सहजन की पत्तियां
आप एक मोटी तले की कढ़ाई लेकर उसने आधा कप नारियल तेल डालकर गर्म करें और फिर उसमें मुट्ठी भर सहजन की पत्तियां डाल दें। जब पत्तियां इसमें सूख जाए तो आप कढ़ाई को गैस से उतार लें। जब भी आपके बच्चे को खांसी होने लगे तो आप इस तेल को उसके बालों में लगाएं।
#8. कपूर
नारियल के तेल में आप थोड़ा सा कपूर का पावडर लेकर उसे गर्म कर ले। फिर इस तेल को ठंडा करके इसकी चार से पांच बूंदें अपनी हथेली पर लेकर धीरे-धीरे और सहज रूप से अपने बच्चे की छाती पर मालिश करें। यहां इस बात का ध्यान रखें कि कपूर की मात्रा ज्यादा ना हो क्योंकि कुछ बच्चों को कपूर से त्वचा की एलर्जी भी हो सकती है।
#9. अजवाइन
इसमें आप अजवाइन को धीमी आंच पर हल्का सा गर्म कर ले और फिर इसकी एक पोटली बनाकर अपने बच्चे की नाक के पास ले जाएं जिससे उसकी सांसों के साथ-साथ उसकी महक भी बच्चे के नाक तक जाएं।
इसके अलावा आप सरसों के तेल में लहसुन और अजवाइन डालकर गर्म कर ले। हल्के गर्म तेल से आप बच्चे की छाती और पैरों पर मालिश करें। अजवाइन के साथ-साथ लहसुन और सरसों के तेल का गर्म प्रभाव आपके शिशु को खांसी में आराम देगा।
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#10. आंवला
आंवले को आप धोकर उबाल ले और उसके बीज निकाल कर फेंक दे। अब उस आंवले को पीसकर व उसमे थोड़ा देसी घी डालकर उसका हलवा सा बना ले। उसने थोड़ा स्वाद के लिए गुड़ भी मिला ले। इसकी प्रतिदिन एक चम्मच अपने बच्चे को खिलाएं। इससे भी आपके बच्चे को खांसी से आराम मिलेगा।
#11. पेट्रोलियम जेली
शिशु की नाक पर पेट्रोलियम जेली लगाएं। शिशु की नाक जहां पर अधिक लाल व सूजी हुई हो वहां पर आप थोड़ा अधिक मात्रा में जेली लगाएं। इससे भी आपके शिशु को सर्दी व खांसी की समस्या से बहुत आराम मिलेगा।
#12. लहसुन
लहसुन की दो कलियां छीलकर उसे 50 मिलीलीटर पानी में 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इस पानी को ठंडा करके आप अपने बच्चे को थोड़ा-थोड़ा करके थोड़ी -थोड़ी देर में पिलाएं। आप यह पानी अपने बच्चे को दो-तीन घंटे में बार-बार पिलाते रहें। इससे उसे खांसी में काफी आराम मिलेगा परंतु आप यह पानी थोड़े बड़े बच्चों यानी 2 साल से ऊपर तक के बच्चे को ही दे।
#13. अदरक और दालचीनी
इसके लिए आप 6 कप पानी में आधा कप बारीक कटे हुए अदरक की फांकी और दालचीनी के दो टुकड़े डाले व इसे 20 मिनट के लिए धीमी आंच पर पकाएं। फिर इसे छानकर इसमें शहद मिलाकर दिन में तीन से चार बार बच्चों को पिलाएं। यदि आपका शिशु 1 साल से कम का है तो आप उसको बराबर मात्रा में गर्म पानी मिलाकर भी पिलाएं।
#14. तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों में बहुत औषधीय गुण होते हैं। छोटे बच्चों के सर्दी लगने पर या खांसी जुकाम की समस्या होने पर तुलसी के पत्तों को पानी में या दूध में मिलाकर आप उन्हें किसी भी रूप में दे सकती हैं। इसमें आप तुलसी के पत्तों को एक घंटे के लिए भिगोकर रख दें। यह आप अपने 1 साल से ऊपर तक के बच्चों को पीने के लिए दे सकती है।
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#15. सलाइन की बूंदे
खांसी होने पर सलाइन की बूंदे जादू जैसा काम करती हैं। इस पानी की दो से तीन बूंदे बच्चे की नाक में डालकर उसका सिर हल्के हाथ से ऐसे हिलाएं कि पानी आसानी से नाक के अंदर चला जाए। इससे भी बच्चों को खांसी में काफी आराम मिलता है।
#16. कैमोमाइल चाय
यह एक प्रकार की ऐसी चाय हैं जो 2 बरस से ऊपर के बच्चों को दी जा सकती है। इस चाय को पानी में पतला करके बच्चों को दे। इससे आपके बच्चे का अगर खांसी के कारण गला दुख रहा है तो इसमें काफी आराम मिलेगा।
#17. नींबू
नींबू में काफी मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। नींबू के रस में थोड़ा सा शहद और पानी मिलाकर 1 साल से ऊपर के बच्चों को पिलाया जाए तो बच्चों को खांसी से बहुत आराम मिलता है।
#18. नारियल तेल
इसके लिए आप आधा कप नारियल के तेल में एक प्याज, दो से तीन तुलसी के पत्ते और पान की बेल का तना मिलाकर गर्म करें। फिर गैस बंद करके इसमें एक चुटकी कपूर भी मिला दे। इस तेल से आप बच्चे की छाती, गर्दन और उसके शरीर पर मालिश करें। इससे उसकी बंद नाक खुल जाएगी और वह आराम से सोएगा।
#19. जीरे का पानी
यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए लाभदायक रहता है। यह छोटे बच्चों में होने वाली खांसी को भी ठीक करने का काम करता है। आप थोड़े से पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबाल ले और जब यह जीरा अच्छे से उबल जाए तो इसे छानकर थोड़ा ठंडा कर ले। अब इसे अपने बच्चे को पिला कर उसे खांसी से आराम दिलाएं।
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#20. घी
छोटे बच्चों को सूखी खांसी होने पर थोड़ा सा घी गर्म करके उसने दो या तीन काली मिर्च पीसकर मिला दे और बच्चे को सारा दिन थोड़ी-थोड़ी देर में इसे देते रहे। इसे आप नवजात बच्चों को ना दें पर हां 1 साल तक के बच्चे को आप आराम से दे सकती हैं।
इन सब घरेलू उपायों के साथ-साथ आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी होगी, जो इस प्रकार है:
- शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए आप साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। आप अपने बच्चे को कुछ भी खिलाने से पहले अच्छे से हाथ धो ले।
- अगर आपके घर में किसी और को भी खांसी की समस्या है तो उससे बच्चों को दूर रखें और बच्चों को उठाने से पहले भी अच्छे से हाथ धो ले।
- शिशु को आप मौसम के अनुसार कपड़े पहनाये क्योंकि बड़ों की तुलना में शिशु में अपना तापमान नियंत्रण रखने की क्षमता कम होती है। इसलिए सर्दी में उनको ठंड से बचाने के लिए टोपी व स्वेटर अच्छे से पहना कर रखें।
- कोई भी देसी इलाज करने से पहले आप अपने बच्चे की उम्र का भी ध्यान रखें क्योंकि हो सकता है किसी शिशु के लिए यह उपचार बिल्कुल सही ना हो।
आप शिशु को अपने आप से कोई दवा ना दे। अगर ऊपर दिए गए उपायों से आराम ना मिले तो आप डॉक्टर से संपर्क करें।
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