जब बच्चे छोटे होते हैं तब वे बिस्तर पर पेशाब करते हैं जो कि एक आम समस्या है। इस समस्या में बच्चे रात को सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं परंतु यह समस्या बच्चों की उम्र चार से पांच साल होने तक रहती है। धीरे-धीरे यह समस्या खत्म हो जाती है क्योंकि इसका कारण यह है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं वैसे-वैसे वे अपने मूत्राशय पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं।
वैसे इस समस्या को कोई गंभीर नाम नहीं दिया गया है परंतु अगर बच्चे 7 या 8 साल की उम्र होने पर भी बिस्तर को गिला करते हैं तो यह एक बीमारी का रूप धारण कर लेती हैं। साथ में ही बच्चे और माता-पिता को भी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है जिसके कारण माता-पिता अपने बच्चों को सही ढंग से इलाज भी देने में असमर्थ सा महसूस करते हैं।
परंतु यदि आपका बच्चा 8 या 9 साल की उम्र होने के बाद भी बिस्तर गिला करता है तो आप शर्म ना करें बल्कि अपने बच्चे का सही ढंग से सही उपचार कराएं वरना यह परेशानी बड़ा रूप धारण कर सकती है। यदि आप अपने बच्चों को शैशव काल से ही रात को सोने से पहले पेशाब करने की आदत डाल दें तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों को टॉयलेट जाना सिखाते समय किन 10 बातों का ध्यान रखें
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह सबसे आवश्यक है कि आप यह जान ले कि आपके बच्चे के बिस्तर गिला करने के क्या कारण है। जब तक आप समस्या को नहीं समझेंगे तो उस समस्या को हल कैसे करेंगे? तो आइए जानते हैं ऐसे कुछ कारण जिसके चलते बच्चे बिस्तर गिला कर देते हैं।
बच्चों में बिस्तर गिला करने के कारण
अगर आपका बच्चा 7 साल की आयु के बाद भी बिस्तर गिला करता है तो माता-पिता होने के नाते आपका यह जानना आवश्यक है कि इस समस्या के पीछे क्या कारण है ताकि आप उसका उपचार अच्छे से करा सकें।
#1. मूत्राशय का छोटा होना: अगर आपके बच्चे का मूत्राशय सामान्य से छोटा है तो वह रात भर पेशाब को रोकने में नाकामयाब होगा जिसके कारण वह बिस्तर में पेशाब कर देता है।
#2. बच्चों के मूत्र में संक्रमण होना: यदि बच्चों के मूत्र में संक्रमण की समस्या है तो उसे अवश्य ही बार-बार पेशाब आएगा और वह पेशाब को नियंत्रण करने में नाकाम होगा। मूत्र में संक्रमण होने के कारण बच्चों के पेशाब में जलन होना, बुखार होना, बदन दर्द होना आदि लक्षण भी हो सकते हैं जिसके कारण उन्हें कम पेशाब भी आ सकता है।
#3. अनुवांशिकता भी है एक कारण: एक शोध में पाया गया है कि हर 10 में से 7 बच्चों के माता-पिता भी बचपन में इसी समस्या से पीड़ित होंगे। जांच में यह भी पाया गया है कि डीएनए में मौजूद क्रोमोसोम के कारण भी यह समस्या माता-पिता से बच्चों में आती हैं।
इसे भी पढ़ें: बच्चो की खांसी खत्म करने के लिए 20 असरदार देसी इलाज
#4. बिस्तर गिला करने का कारण हार्मोन: ऐसा देखा गया है कि कई बार बिस्तर गिला करने का कारण हार्मोन भी जिम्मेदार हो सकते हैं जिसे anti diuretic हार्मोन कहते हैं। यह हार्मोन किडनी को पेशाब आने का संकेत देता है और जिन बच्चों में इन हारमोंस की कमी होती है उनमे इस वजह से किडनी को पेशाब आने का संकेत नहीं मिल पाता है व बच्चा रात को बिस्तर में ही पेशाब कर देता है।
#5. ज्यादा तनावग्रस्त रहना: जो बच्चे सारा दिन तनावग्रस्त रहते हैं और खुश नहीं रहते हैं, उदास से रहते हैं, यह कारण भी बच्चों के बिस्तर गिला करने का एक कारण हो सकता है। तनाव होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बच्चों का अकेला सोना, उन्हें डर लगना, उनका घर से दूर रहना या किसी के डांटने या मारने का भय होना। इसके अलावा कई बच्चे परीक्षा के दबाव के कारण भी बिस्तर गिला करना शुरू कर देते हैं।
#6. तंत्रिका प्रणाली में गड़बड़ी या परिवर्तन: जब बच्चों की तंत्रिका प्रणाली में कुछ गड़बड़ या परिवर्तन होने लगता है तो बच्चे बिस्तर गिला करना शुरू कर देते हैं। इससे बच्चों के दिमाग को मूत्राशय के भरा होने का संकेत नहीं मिल पाता और बच्चा इस समस्या से ग्रस्त हो जाता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों में दस्त के इलाज के लिए 11 टिप्स और घरेलू नुस्खे
#7. मधुमेह भी है इसकी एक समस्या: बार-बार पेशाब आना मधुमेह का पहला लक्षण माना जाता है। इसलिए आपका बच्चा अगर बार-बार पेशाब करता है और बिस्तर गिला करता है तो आप उसका मधुमेह भी चेक करवा ले ताकि आपको उसके इलाज में सही मार्गदर्शन मिल सके और इसका सही उपचार हो सके।
#8. गहरी नींद का आना: जी हां, गहरी नींद बिस्तर गिला करने के मुख्य कारणों में से एक है। एक शोध में यह पाया गया है कि जो बच्चे गहरी नहीं में सोते हैं उनमें यह समस्या सबसे अधिक पाई जाती है। जब वे गहरी नींद में होते हैं तब उनका दिमाग भी शांत हो जाता है जिसके कारण उन्हे मूत्राशय भरा होने का संदेश नहीं मिल पाता। यह समस्या आपको महिलाओं के बजाय पुरुषों में अधिक मिलेगी क्योंकि वे अपने मूत्राशय पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं।
#9. बच्चों में विटामिन की कमी होना: जिन बच्चों में विटामिन B12 और फोलेट की कमी होती है वे बच्चे इस समस्या से ग्रसित होते हैं। इसलिए आपको अपने बच्चों को इस समस्या से बचाने के लिए उनके शरीर में विटामिन की कमी नहीं होने देनी चाहिए और उनके स्वास्थ्य का पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: कपडे की नैप्पी या डिस्पोजेबल डायपर्स – किसका चुनाव करें?
#10. खाना समय पर नहीं खाना: जो बच्चे रात को खाना खाए बगैर ही सो जाते हैं उनमें यह समस्या ज्यादा पाई जाती है क्योंकि सोने के बाद उनकी पाचन क्रिया प्रारंभ होती है और उन्हें पेशाब आने लगता है। सोए होने के कारण वे उठना पसंद नहीं करते और पेशाब को बिस्तर पर ही कर देते हैं।
इसलिए माता-पिता होने के नाते आपका यह कर्तव्य है कि आप अपने बच्चों को रात को सोने से एक घंटा पहले और समय पर भोजन करवा दे और सोते समय उन्हें पेशाब कराने की आदत डाल दें। फिर उन्हें रात को पेशाब नहीं आएगा और वे बिस्तर गिला नहीं करेंगे। यदि आप अपने बच्चे की इस समस्या से परेशान हैं तो उसके सही लक्षणों को पहचाने और फिर उनका सही तरीके से उपचार करवाएं ताकि आप और आपका बच्चा दोनों सुखी जीवन व्यतीत कर सकें।
Leave a Reply